जो मिल ही गये हो सनम,
आप हमे नसीबसे।
कभी कभी पास बैठभी जाओ हमारी क़रीबसे॥
कभी कभी पास बैठभी जाओ हमारी क़रीबसे॥
मेरी क्या ख़ताथी की आप युं रूठ गये हमसे?
और गले मिलने लगे हो आप हमारे रक़ीबसे ॥
और गले मिलने लगे हो आप हमारे रक़ीबसे ॥
आईना देखनेसे अब सहमसा
जाता हुं सनम।
मेरा ही अक्स मुझे ताकता है कुछ अजीबसे ॥
मेरा ही अक्स मुझे ताकता है कुछ अजीबसे ॥
एक दिल है जो आया लेके
आपके नजरानेमें।
अब न कोई आशा रखो सनम, मुझ ग़रीबसे॥
अब न कोई आशा रखो सनम, मुझ ग़रीबसे॥
जाते जाते हो शके तो
ये बता दो हमे सनम।
मर्ज़-ए-इश्ककी दवा ली आपने किस तबीबसे?
मर्ज़-ए-इश्ककी दवा ली आपने किस तबीबसे?
गम इस बातका नहीं की धोखा मिला हमको।
गम इस बातका है की मिला धोखा हबीबसे ॥
मिला है जिवन तो जीना पडेगा हमे अब तो ।
कर लुंगा गुजारा में आपकी यादोकी तरकीबसे॥
कोन जाने किस रूपमें मिल जाये खुदा हमें ?
मिलता गले है नटवर सबको बडी तहज़ीबसे ॥
गम इस बातका है की मिला धोखा हबीबसे ॥
मिला है जिवन तो जीना पडेगा हमे अब तो ।
कर लुंगा गुजारा में आपकी यादोकी तरकीबसे॥
कोन जाने किस रूपमें मिल जाये खुदा हमें ?
मिलता गले है नटवर सबको बडी तहज़ीबसे ॥
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