कभी
कभी बेवफासे भी प्यार होता है।
यार चाहे कुछ भी हो, यार होता है॥
यार चाहे कुछ भी हो, यार होता है॥
इस
जहांमें जिस का न होता है खुदा।
इश्क़ ही उसका परवरदिगार होता है॥
इश्क़ ही उसका परवरदिगार होता है॥
हम
कहां कहेते है कुछ कहो होठोसे?
कभी कभी आंखोसे इकरार होता है ॥
करते है वो जूठा वादा अलग अंदाजसे।
हमे उस पर भी यार, एतबार होता है॥
नाकाम-ए-इश्क़ हूआ तो पता चला हमें।
जो न करे इश्क़, वो समजदार होता है॥
कभी कभी आंखोसे इकरार होता है ॥
करते है वो जूठा वादा अलग अंदाजसे।
हमे उस पर भी यार, एतबार होता है॥
नाकाम-ए-इश्क़ हूआ तो पता चला हमें।
जो न करे इश्क़, वो समजदार होता है॥
दूर
हो जाता है जो दिल हमारा तोडकर ।
यार, वही क्युं हमारा दिलदार होता है ?
जंग- ए- इश्क़में वो ही जितता है यारा।
खुद पर जिसको दार- ओ- मदार होता है।
यार, वही क्युं हमारा दिलदार होता है ?
जंग- ए- इश्क़में वो ही जितता है यारा।
खुद पर जिसको दार- ओ- मदार होता है।
मरके भी खूली रह गई आंखे नटवरकी।
इस तरहसे भी इश्क़में ईंतेजार होता है॥
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