कुछ भी तो नया नहीं है हमारी कहानीमें ।
जलाकर दिल आग लगाई अश्कके पानीमें॥
अब मांगे तो क्यां मांगे हम आपसे सनम?
एक बार फिर आ जाओ हमारी ज़िंदगानीमें॥
मासूम नजरसे कतल करके चले गये आप।
खांमखां मारे गये हम तो युं ही जवानीमें ॥
दोर नाजुक है कुछ किनखाबी रिश्तोकी।
तूटनी थी तो वो तूट गई खिंचा-तानीमें ॥
इश्क नही आंसा, न समज शके हम, न वो।
ना ना करके, कर बेठे इश्क हम नादानीमें॥
होते होते हो गया एक हसीन गुनाह नटवर।
नजम एक अपनी सुनाई हमने तो ज़ुबानीमें॥
जलाकर दिल आग लगाई अश्कके पानीमें॥
अब मांगे तो क्यां मांगे हम आपसे सनम?
एक बार फिर आ जाओ हमारी ज़िंदगानीमें॥
मासूम नजरसे कतल करके चले गये आप।
खांमखां मारे गये हम तो युं ही जवानीमें ॥
दोर नाजुक है कुछ किनखाबी रिश्तोकी।
तूटनी थी तो वो तूट गई खिंचा-तानीमें ॥
इश्क नही आंसा, न समज शके हम, न वो।
ना ना करके, कर बेठे इश्क हम नादानीमें॥
होते होते हो गया एक हसीन गुनाह नटवर।
नजम एक अपनी सुनाई हमने तो ज़ुबानीमें॥
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