શુક્રવાર, 26 ડિસેમ્બર, 2014

जहान है...

ए मेरे खुदा तेरा यह कैसा जहान है ?
न तो हमारी जमीं,न तो आसमान है॥

सांस लेनाभी सजा लगता है अब तो।
हमारी जिंदगी जैसे एक इम्तहान है॥

आज भूल गये, कल याद करेगे हमें ।
इश्क़ पर हमारे हमे भी इत्मीनान है॥

आंखे है जो बात दिलकी कह देती है ।
लडखडाती है वो तो हमारी ज़बान है ॥

मजा आता है हमेभी जिने का यारो ।
जिवनमें अपने सुख दुःख समान है ॥

बात सारी दुनिया जान गई अब तो ।
जो दो घायल दिलोके दरमियान है ॥

वक़्त उनके लिये ही रूकता है नटवर ।
जो शख्स दिलसे सदाबहार जवान है॥

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