चरागोकी
तरह हमारी यह दो आंखे जलती है जब शाम होती है।
जलना ही है तक़दीर परवानेकी, शमा खामखां बदनाम होती है॥
जलना ही है तक़दीर परवानेकी, शमा खामखां बदनाम होती है॥
जिंदगीभी
क्या क्या खेल खेलती है हमारी साथ युं ही बार बार।
कहलाती तो है ह्मारी पर हमारी जिंदगी किसीके नाम होती है॥
किसे याद रखे और किसे भूल जाये,ये भी अब हम भूल गये है।
जो भूल गये है उसे भूलनेकी हर कोशिश हमारी नाकाम होती है॥
कहलाती तो है ह्मारी पर हमारी जिंदगी किसीके नाम होती है॥
किसे याद रखे और किसे भूल जाये,ये भी अब हम भूल गये है।
जो भूल गये है उसे भूलनेकी हर कोशिश हमारी नाकाम होती है॥
हमारी
बात है जो हम जानते है वो आप क्या समजोगे सनम?
समजना हो तो समज जाओ, बात दो दिलोमें जो आम होती है॥
अपने धडकते दिल पर हाथ रखकर सुननेकी जद्दोजहद करना कभी।
आपके दिलमेंभी हमारे नामकी धडकन हर बार सुमसाम होती है॥
सच्चा या पक्का इश्क़ करके देख लो हमसे आप सनम एक बार।
फिर कैसे आपके दिन गुजरते है और तन्हा राते तमाम होती है॥
समजना हो तो समज जाओ, बात दो दिलोमें जो आम होती है॥
अपने धडकते दिल पर हाथ रखकर सुननेकी जद्दोजहद करना कभी।
आपके दिलमेंभी हमारे नामकी धडकन हर बार सुमसाम होती है॥
सच्चा या पक्का इश्क़ करके देख लो हमसे आप सनम एक बार।
फिर कैसे आपके दिन गुजरते है और तन्हा राते तमाम होती है॥
यह
इश्क़भी ईतना आसां नहीं नटवर
कि हर किसीको रास आये॥
शोहरत मिले न मिले इसमे, बदनामी हो तो सर-ए-आम होती है॥
शोहरत मिले न मिले इसमे, बदनामी हो तो सर-ए-आम होती है॥
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